चांद की मिट्टी में मिले पानी के अंश, चीन के Chang’e-5 मिशन ने चंद्रयान-1 की खोज पर लगाई मुहर
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चांद की मिट्टी में मिले पानी के अंश, चीन के Chang’e-5 मिशन ने चंद्रयान-1 की खोज पर लगाई मुहर

Water On Moon: चंद्रयान-1 ने 2009 में ही बता दिया था कि चंद्रमा की मिट्टी में पानी के अणु मौजूद हैं. अब चीन के चांग'ई-5 मिशन ने चांद की मिट्टी के सैंपल्स में पानी के अणु का पता लगाया है.

चांद की मिट्टी में मिले पानी के अंश, चीन के Chang’e-5 मिशन ने चंद्रयान-1 की खोज पर लगाई मुहर

Water Molecules In Moon Soil: चीन के चांग'ई-5 मिशन ने चंद्रयान-1 की 15 साल पुरानी खोज पर मुहर लगाई है. चांग ई-5 मिशन द्वारा चंद्रमा से लाए गए मिट्टी के नमूनों का अध्ययन कर रहे चीनी वैज्ञानिकों को चंद्रमा की मिट्टी में पानी के अणु मिले हैं. यह जानकारी चाइनीज एकेडमी आफ साइंसेज (CAS) ने दी.

हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर के अनुसार, यह रिसर्च बीजिंग नेशनल लेबोरेटरी फॉर कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स और CAS के भौतिकी संस्थान तथा अन्य घरेलू अनुसंधान संस्थानों के रिसर्चर्स द्वारा संयुक्त रूप से की गई. रिसर्च रिपोर्ट 16 जुलाई को पत्रिका ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ में प्रकाशित हुई.

चीन के पहले लूनर सैंपल-रिटर्न मिशन चांग’ई-5 ने 2020 में चंद्रमा की सतह पर पानी का पहला ऑन-साइट सबूत भेजा. पिछले महीने चीन के चांग’ई-6 मिशन के पृथ्वी पर लौटने के बाद और अधिक खोजों की उम्मीद थी. इसमें चंद्रमा के सबसे पुराने बेसिन से 2 किलोग्राम तक सामग्री निकाली गई थी.

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चंद्रयान-1 की खोज पर मुह‍र

CAS ने मंगलवार को कहा कि 2020 में ‘चांग ई-5’ मिशन द्वारा लाए गए चंद्रमा की मिट्टी के नमूनों के आधार पर चीनी वैज्ञानिकों ने आणविक जल से 'युक्त' एक जलयोजित खनिज पाया है. 2009 में, भारत के चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के सूर्य के प्रकाश वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं के रूप में जलयोजित खनिजों के संकेतों का पता लगाया था.

चंद्रयान-1 के उपकरणों में नासा का मून मिनरलॉजी मैपर (एम3) भी शामिल था जो एक इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर है, जिसने चंद्रमा पर खनिजों में पानी की खोज की पुष्टि करने में मदद की.

2020 में, नासा ने इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी के लिए हवाई स्ट्रेटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी से मिले आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा की सूर्यप्रकाशित सतह पर पानी की खोज की घोषणा की थी. तब चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्ध में पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे बड़े क्रेटरों में से एक, क्लेवियस क्रेटर में पानी के अणुओं का पता लगाया गया था. (एजेंसी इनपुट्स)

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